केंद्र सरकार ने जुलाई 2025 में 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को केवल 2 प्रतिशत महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) की बढ़ोतरी दी है। इससे अब DA 53% से बढ़कर 55% हो गया है। लेकिन यह वृद्धि उम्मीदों के मुकाबले काफी कम रही, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
पहले क्या होता रहा है?
अब तक हर 6 महीने में DA में 3% से 4% तक की वृद्धि होती रही है। लेकिन इस बार सिर्फ 2% की बढ़ोतरी से कर्मचारियों को झटका लगा है। जब देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है, तो इतनी मामूली वृद्धि कई परिवारों के बजट को प्रभावित कर सकती है।
राज्य सरकारों का भी यही हाल
केंद्र सरकार की घोषणा के बाद कुछ राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए DA बढ़ाया है। लेकिन वहाँ भी बढ़ोतरी सीमित ही रही। कर्मचारियों के संगठनों ने इस मामूली वृद्धि पर नाराजगी जताई है और कहा है कि महंगाई के बोझ के सामने यह राहत न के बराबर है।
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कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता
जनवरी से मार्च 2025 तक के महंगाई से जुड़े आर्थिक आंकड़े कमजोर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि जुलाई में अगली DA समीक्षा में भी वृद्धि सीमित रह सकती है। कुछ का तो ये भी कहना है कि अगर यही ट्रेंड रहा, तो हो सकता है DA में कोई वृद्धि ही न हो।
AICPI के आंकड़ों से क्या संकेत मिलते हैं?
औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आंकड़े चिंता पैदा कर रहे हैं।
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जनवरी 2025: 143.2
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फरवरी 2025: 142.8
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मार्च 2025: 143.0
इसमें या तो गिरावट आई है या बहुत मामूली सुधार हुआ है। यदि यही रुझान अप्रैल, मई और जून में भी जारी रहा, तो DA की उम्मीद और कमजोर पड़ सकती है।
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सातवें वेतन आयोग का अंतिम संशोधन
जुलाई-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए किया गया यह DA संशोधन 7वें वेतन आयोग के तहत अंतिम होगा। 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो रहा है। इसके बाद 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होनी हैं। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार इस अंतिम चरण में कुछ अतिरिक्त राहत देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
खुदरा महंगाई दर का असर
मार्च 2025 में खुदरा महंगाई दर 3.34% रही, जो पिछले 5 सालों में सबसे कम है।
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फरवरी 2025: 3.61%
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मार्च 2025: 3.34%
महंगाई दर में गिरावट से अर्थव्यवस्था को तो फायदा हो सकता है, लेकिन DA में वृद्धि की संभावनाएं घट जाती हैं, क्योंकि DA की गणना इन्हीं आंकड़ों पर आधारित होती है।
कर्मचारी संगठनों की नाराजगी
कर्मचारी संगठन खुलकर सामने आ गए हैं। उनका कहना है कि DA की गणना सिर्फ CPI पर आधारित न होकर वास्तविक ज़रूरतों को दर्शानी चाहिए। रसोई का सामान, गैस, ट्रांसपोर्ट, बच्चों की पढ़ाई – हर चीज़ महंगी हो चुकी है। लेकिन सरकार का DA फॉर्मूला इन बढ़ते खर्चों को सही तरह से नहीं दर्शाता।
उम्मीदें किस पर टिकी हैं?
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अप्रैल, मई और जून 2025 के CPI आंकड़े अब सबसे अहम हैं।
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अगर इनमें बढ़ोतरी होती है, तो अगले DA संशोधन में 3% तक की वृद्धि संभव है।
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साथ ही, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी राहत ला सकती हैं।
इसलिए विशेषज्ञों की राय है कि कर्मचारियों को अभी धैर्य रखना चाहिए और आने वाले आंकड़ों पर नजर बनाए रखनी चाहिए।
निष्कर्ष
जुलाई 2025 में सिर्फ 2% DA बढ़ाकर सरकार ने कर्मचारियों को निराश किया है। बढ़ती महंगाई के बीच यह वृद्धि काफी कम है। आगे की उम्मीदें CPI के आने वाले आंकड़ों और 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं। कर्मचारी संगठनों ने भी सरकार से मांग की है कि DA गणना पद्धति को ज्यादा व्यावहारिक और मौजूदा खर्चों के अनुरूप बनाया जाए।
डिस्क्लेमर: यह लेख आर्थिक आंकड़ों और समाचारों पर आधारित विश्लेषण है। कृपया किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक सरकारी सूचना का इंतजार करें।